कोरिया, 11 दिसंबर 2024: ग्रामीण विकास और कृषि उत्थान के लिए आधारभूत संरचनाओं का सुदृढ़ीकरण हमेशा से एक महत्वपूर्ण आवश्यकता रही है। बैकुण्ठपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत जगतपुर में स्थित जगतपुर जलाशय योजना इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण बनकर उभरी है। वर्षों से उपेक्षित इस योजना के पुनरुद्धार ने किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है।समस्या से समाधान तक का सफरजगतपुर जलाशय की नहरें समय के साथ क्षतिग्रस्त हो चुकी थीं। उनमें गाद जमा होने के कारण पानी का प्रवाह बाधित हो रहा था, जिससे अंतिम छोर तक सिंचाई संभव नहीं हो पाती थी।
पानी के अपव्यय और फसल उत्पादन में कमी से किसान हताश थे। ग्राम वासियों की मांग पर जिला प्रशासन ने इस समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाए।पुनरुद्धार कार्य और बजटजगतपुर जलाशय योजना के नहरों की मरम्मत और सीसी चैनल निर्माण के लिए जिला खनिज संस्थान न्यास से 5 लाख रुपये और मनरेगा मद से 32.45 लाख रुपये, कुल 37.45 लाख रुपये स्वीकृत किए गए। इस राशि का उपयोग नहरों की सफाई, मरम्मत और सीसी चौनल निर्माण में किया गया।
सिंचाई क्षमता में चार गुना बढ़ोतरीइस पुनरुद्धार से पहले, जलाशय से केवल 30 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई संभव थी। अब, मरम्मत और सीसी चौनल निर्माण के बाद खरीफ फसल के लिए 110 हेक्टेयर भूमि तक पानी पहुंच रहा है। पक्की नहरों के कारण पानी का अपव्यय रुका है, जिससे रबी फसल में भी सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो रही है।किसानों और मजदूरों को लाभइस योजना से लगभग 120 किसानों को सीधा लाभ मिला है।
बेहतर सिंचाई सुविधा ने उन्हें दो फसल लेने में सक्षम बनाया है, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई है। साथ ही, मनरेगा के तहत इस कार्य में ग्रामीण मजदूरों को रोजगार मिला, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई।ग्राम वासियों में उत्साह और आत्मनिर्भरताग्रामवासियों के अनुसार, इस योजना ने न केवल उनकी खेती-किसानी को आसान बनाया है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी दिया है।
किसानों का कहना है कि अब वे सिंचाई की चिंता किए बिना अपनी फसलों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।सरकार की दृष्टि और ग्रामीण विकास का नया मॉडलजगतपुर जलाशय योजना यह सिद्ध करती है कि प्रशासन और सरकार की योजनाओं का सही क्रियान्वयन कैसे ग्रामीण जीवन को बदल सकता है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अगुवाई में इस तरह के प्रयास गांवों में विकास और खुशहाली की नींव रख रहे हैं।